स्कंद षष्ठी व्रत 2025: हिंदू धर्म ग्रंथों में स्कंद षष्ठी के दिन को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की आराधना और उपवास का विधान है। मान्यता के अनुसार, जो भी इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत करता है, उसकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है, इस वर्ष स्कंद षष्ठी का व्रत कब मनाया जाएगा, आइए इसे जान लेते हैं।
स्कंद षष्ठी व्रत 2025 की तारीख:
स्कंद षष्ठी व्रत 2025: हिंदू धार्मिक ग्रंथों में स्कंद षष्ठी का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण समझा जाता है, हिंदू धर्म में इस दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय की आराधना का विधान है। साथ ही स्कंद षष्ठी के अवसर पर व्रत भी किया जाता है। भगवान कार्तिकेय को देवताओं का मुखिया माना गया है, दक्षिण भारत में विशेष रूप से भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। आइए ज्योतिष शास्त्र के आधार पर, स्कंद षष्ठी की पूजा के महत्व को समझते हैं।
पौराणिक कहानियों के अनुसार…
स्कंद षष्ठी व्रत 2025: पुराणों के अनुसार, भगवान कार्तिकेय ने उस दानव तारकासुर को मार डाला था, जिसने तीनों लोकों में आतंक फैला रखा था। भगवान कार्तिकेय ने उसके माध्यम से तीनों लोकों की रक्षा की थी, मानते हैं कि भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत से इंसान हर समस्या का हल प्राप्त कर सकता है। तो चलिए जानते हैं इस वर्ष स्कंद षष्ठी का व्रत कब मनाया जाएगा?
इस साल स्कंद षष्ठी का व्रत कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का आरंभ 4 जनवरी रात 10:00 से होगा और इस तिथि का अंत 5 जनवरी को रात 8:15 पर होगा।इस प्रकार, स्कंद षष्ठी का व्रत 5 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा।
पूजन प्रक्रिया: स्कंद षष्ठी व्रत 2025
- इस दिन स्नान कर के साफ वस्त्र पहनना चाहिए
- घर के मंदिर की सफाई करनी चाहिए
- मंदिर में ताजे फूलों को स्थापित करना चाहिए
- इसके उपरांत भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या चित्र चौकी पर स्थापित करनी चाहिए
- भगवान को धूप और दीप दिखाकर चंदन अर्पित करना चाहिए
- फिर फल और फूल चढ़ाइए
- फिर भगवान कार्तिकेय के समक्ष दीप जलाकर आराधना करनी चाहिए
- इस दिन भगवान कार्तिकेय के मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए
- साथ ही स्कंद षष्ठी व्रत का जाप भी करना चाहिए
- अंत में ईश्वर की आरती अवश्य करनी चाहिए
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भगवान कार्तिकेय जी की आरती
स्कंद षष्ठी पर भगवान कार्तिकेय की आरती करने के लिए, आप ये मंत्र और आरती का जाप कर सकते हैं:
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महासैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोदयात
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते
ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कन्दा वल्लीईकल्याणा सुंदरा देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते
लक्ष्मी माता की आरती: स्कंद षष्ठी व्रत 2025:
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया, जय लक्ष्मी माता तुमको निस दिन सेवत, मैया जी को निस दिन सेवत हर विष्णु धाता, ॐ जय लक्ष्मी माता
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता(मैया, तुम ही जग-माता)सूर्य-चंद्रमा ध्यावत (सूर्य-चंद्रमा ध्यावत)नारद ऋषि गाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख, संपत्ति दाता(मैया, सुख, संपत्ति दाता)जो कोई तुमको ध्यावत (जो कोई तुमको ध्यावत)ऋद्धि-सिद्धि धन पाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभ दाता(मैया, तुम ही शुभ दाता)कर्म प्रभाव प्रकाशिनी (कर्म प्रभाव प्रकाशिनी)भवनिधि की त्राता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
जिस घर तुम रहती तः सब सद्गुण आता(मैया, सब सद्गुण आता)सब संभव हो जाता (सब संभव हो जाता)मन नहीं घबराता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
तुम बिन यज्ञ ना होते, वस्त्र ना हो पाता(मैया, वस्त्र ना हो पाता)खान-पान का वैभव (खान-पान का वैभव)सब तुमसे आता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता(मैया, क्षीरोदधि जाता)रत्न चतुर्दश तुम बिन (रत्न चतुर्दश तुम बिन)कोई नहीं पाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता(मैया, जो कोई नर गाता)उर आनंद समाता (उर आनंद समाता)पाप उतर जाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया, जय लक्ष्मी माता तुमको निसदिन सेवत, मैया जी को निसदिन सेवत हर विष्णु धाता, ॐ जय लक्ष्मी माता
स्कंद षष्ठी व्रत 2025
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स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व
स्कंद षष्ठी के दिन जिन लोगों ने भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत किया। वे जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा पा लेते हैं। साथ ही व्यक्ति को अप्रतिम फल प्राप्त होता है. संतान की प्राप्ति के लिए भगवान कार्तिकेय की आराधना और व्रत का आयोजन होना चाहिए। भगवान कार्तिकेय की आराधना और उपवास से बीमारियों से मुक्ति प्राप्त होती है। साथ ही घर में खुशहाली और समृद्धि रहती है। स्कंद षष्ठी व्रत निभाने से आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है और भगवान कार्तिकेय के आशीर्वाद से व्यक्ति सभी क्षेत्रों में सफल होता है।
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